पुराने समय में गाँवों में लोग घराटों से आटा लाया करते थे! समय के साथ पानी की उचित व्यवस्था होने के कारण कई सारे घराट विलुप्त होने लगे और इनकी जगह बिजली से चलने वाली आटा चक्कीयों ने ले ली! लेकिन कई जगह अभी भी पानी से चलने वाले घराट हैँ जहां से लोग आटा पिसवा कर लाते हैँ!
ऐसा ही एक घराट बड़सर उपमंडल की बलयाह पंचायत में भी है! और पिछले 5 दशक से भी अधिक समय से ये घराट निरंतर चल रहा है! लेकिन कुछ समय के लिये पक्की कुल्ह होने की वजह से यहां पानी उचित मात्रा में नहीं पहुंच रहा था! जिस कारण इन्हें काफ़ी दिक्क़तों का सामना भी करना पड़ा!
कोरोना के समय में लोग यहां आकर घराट को देखते थे और घरों को आटा भी यही से लेकर जाते रहे! लेकिन पानी की उचित मात्रा में नहीं पहुंच पता था, क्यूंकि की कुल्ह अधिकतर जगह से टूट चुकी थी! ऐसे में ग्राम पंचायत बल्याह ने कुल का पुनरनिर्माण करने की योजना बनाई, और इस कड़ी में इसे पक्का करना सुनिश्चित हुआ!
इस विषय में ज़ब हमने पंचायत प्रधान वीरू जसवाल से बात की तो उन्होंने बताया की 2021 में हमने इस कुल्ह का निर्माण कार्य शुरू करवाया था! और इस कुल्ह को करीब 500 मीटर पूरा पक्का किया गया है, ताकि पानी उचित मात्रा में आता रहे और घराट और खेती के लिये मिट्टी पथर रहित पानी जाये! इसके लिये पंचायत ने 2 लाख के करीब पैसा खर्च कर इसका जीर्णोद्धार किया है!
इस विषय ने ज़ब हमने घराट मालिक ज्ञान चंद से बात की तो उन्होंने बताया की कुल्ह पक्की होने की वजह से अब उनके घराट के लिये उचित मात्रा में स्वच्छ पानी आता है! जिससे घराट भी ज्यादा अच्छे से काम करता है, और साथ हमारे खेतोँ के लिये साफ पानी 24 घंटे उपलब्ध रहता है!