हमीरपुर, 3 अगस्त 2025, सुबह 10:42 बजे IST:
हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले से ताल्लुक रखने वाले वाइस एडमिरल संजय वत्स्यायन ने कल, 2 अगस्त 2025 को भारतीय नौसेना के 47वें वाइस चीफ ऑफ नेवल स्टाफ के रूप में पदभार संभाल लिया है। यह उपलब्धि न केवल उनके लिए बल्कि पूरे हिमाचल के लिए गर्व का पल है। स्थानीय नेता आरएस बाली ने इस मौके पर उन्हें बधाई देते हुए कहा,
“यह हम सबके लिए सम्मान की बात है कि हिमाचल के एक और सपूत ने देश की सेवा में नई ऊंचाइयां छुई हैं।”
एक शानदार सफर
संजय वत्स्यायन का नौसेना में करियर 1 जनवरी 1988 से शुरू हुआ, जब उन्हें कमीशन मिला। गनरी और मिसाइल सिस्टम के विशेषज्ञ के रूप में, उन्होंने कई अहम जिम्मेदारियां निभाईं। 2003 में वे डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन से पासआउट हुए, और 2010 में गोवा के नेवल वॉर कॉलेज से हायर कमांड कोर्स पूरा किया। 2018 में फ्लैग रैंक पर प्रमोट होने के बाद वे असिस्टेंट चीफ ऑफ नेवल स्टाफ (पॉलिसी एंड प्लान्स) बने, और 2020 में ईस्टर्न फ्लीट के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग रहे। इसके बाद 2021 में वे ईस्टर्न नेवल कमांड के चीफ ऑफ स्टाफ बने, जहां उन्होंने वाइस एडमिरल बिस्वजीत दासगुप्ता के साथ काम किया।
हिमाचल का बढ़ता सैन्य गौरव
हिमाचल प्रदेश ने हमेशा देश की रक्षा में योगदान दिया है, और वाइस एडमिरल वत्स्यायन इसकी एक नई मिसाल हैं। वाइकीपीडिया के अनुसार, राज्य से 19 सैन्य अधिकारी अब तक इस क्षेत्र में नाम कमा चुके हैं। उनका यह कदम नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जैसा कि आरएस बाली ने अपने ट्वीट में कहा, “उनका नेतृत्व और समर्पण नौसेना को नई दिशा देगा।”
VAdm Sanjay Vatsayan, #VCNS, on assumption of charge, paid homage to the #bravehearts at the National War Memorial & reviewed the Guard of Honour at the South Block, New Delhi.@salute2soldierhttps://t.co/aSqxNNgkuZ https://t.co/ONWt5lUHAH pic.twitter.com/V9j8orbsYq
— SpokespersonNavy (@indiannavy) August 1, 2025
भारत की समुद्री सुरक्षा में बड़ी भूमिका
आज के समय में, जब भारत इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अपनी नौसैनिक ताकत बढ़ा रहा है, वाइस एडमिरल वत्स्यायन की नियुक्ति बेहद अहम है। 2023 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले पांच साल में भारतीय नौसेना की तैनाती में 30% की बढ़ोतरी हुई है, खासकर चीन की समुद्री गतिविधियों का जवाब देने के लिए। 30 अप्रैल 2024 को एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी को नेवी चीफ बनाए जाने के बाद यह नियुक्ति रणनीतिक बदलाव का हिस्सा है। वत्स्यायन की जिम्मेदारी देश की समुद्री सीमाओं को मजबूत करने और राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ाने की होगी।
कमान कार्यभार
समुद्र में, वात्सायन ने कई प्रमुख नौसैनिक प्लेटफार्मों की कमान संभाली है और अपने परिचालन नेतृत्व का प्रदर्शन किया है। उनके कमान कार्यभारों में शामिल हैं:

Source: ssbcrack.com
आईएनएस सह्याद्रि (F49): इस स्वदेश निर्मित स्टील्थ फ्रिगेट के कमीशनिंग कमांडिंग ऑफिसर के रूप में, उन्होंने उन्नत प्रणालियों को एकीकृत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
आईएनएस कुठार (P46): इस मिसाइल कोरवेट की कमान संभाली और इसकी परिचालन प्रभावशीलता को बढ़ाया।
आईएनएस नाशक (K83) और आईएनएस विभूति (K45): इन मिसाइल जहाजों का नेतृत्व किया और तीव्र-आक्रमण अभियानों में अपनी विशेषज्ञता का प्रदर्शन किया।
आईसीजीएस सी-05: अपने करियर के शुरुआती दिनों में इस तटरक्षक गश्ती पोत की कमान संभाली।
आईसीजीएस संग्राम: इस समर-श्रेणी के अपतटीय गश्ती पोत पर सेवा की और समुद्री अभियानों का प्रारंभिक अनुभव प्राप्त किया।
परिवार और समुदाय का गर्व
पदभार ग्रहण के दौरान उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिसमें वे अपनी वर्दी में गर्व से खड़े हैं और उनके साथ उनकी पत्नी भी नजर आ रही हैं। हिमाचल के लोग उनकी इस कामयाबी पर खुशी मना रहे हैं। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “हमारे गांव का लाल आज देश की नौसेना का नेतृत्व कर रहा है, इससे बड़ी बात क्या हो सकती है?”
जय हिंद, जय हिमाचल!
वाइस एडमिरल संजय वत्स्यायन का यह सफर न केवल उनकी मेहनत का नतीजा है, बल्कि हिमाचल और भारत के सैन्य इतिहास में एक सुनहरा अध्याय भी जोड़ता है। हम सब उनकी लंबी उम्र और कामयाबी की कामना करते हैं। जय हिंद! जय हिमाचल!
(इस लेख में दी गई जानकारी सोशल मीडिया पोस्ट्स और हालिया वेब स्रोतों पर आधारित है।)